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Friday, 6 April 2018

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रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद स्वामित्व विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है, दूसरी तरफ इसे आपसी रजामंदी से सुलझाए जाने की लगातार कोशिशें भी की जा रही हैं जो कामयाब होती नहीं दिख रही. इसी बीच श्री श्री रविशंकर का कहना है कि इस मुद्दे पर कोर्ट से समाधान निकलना संभव नहीं है. आर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख श्री श्री रविशंकर ने रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर कहा कि कोर्ट इस समस्या में कोई अंतिम समाधान नहीं निकाल सकता. उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में रविशंकर ने कहा, 'कोर्ट से रामजन्मभूमि समस्या का हल संभव नहीं होगा.
              ' उन्होंने आगे कहा, 'अगर कोर्ट से फैसला होगा तो किसी एक पक्ष को हार स्वीकार करनी पड़ेगी. ऐसे हालत में हारा हुआ पक्ष अभी तो मान जाएगा, लेकिन कुछ समय बाद फिर बवाल शुरू होगा. जो समाज के लिए अच्छा नहीं होगा. 
             उन्होंने उम्मीद जताई कि इस मामले में कोर्ट के बाहर ही सौहार्दपूर्ण हल निकल जाएगा. आपसी रजामंदी के साथ समझौते का विरोध करने वालों के बारे में बोलते हुए श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि अज्ञानता का प्रदर्शन करने का सभी को अधिकार है और वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकते. समझौते की कोशिशों में जुटे श्री श्री 'आर्ट ऑफ लिविंग' (एओएल) के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद पर लगातार कोशिश कर रहे हैं कि विवाद को कोर्ट के बजाए आपसी रजामंदी के साथ सुलझा लिया जाए. 
  इस सिलसिले में उन्होंने इसी महीने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्यों सहित मुस्लिम नेताओं के साथ एक बैठक की थी. 8 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद की सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने सभी पक्षों को दो हफ्ते के अंदर मामले से जुड़े कागजात लाने को कहा था. मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने साफतौर पर निर्देश दिया कि वह इस मामले की सुनवाई एक जमीनी विवाद के तौर पर ही करेंगे, किसी भी धार्मिक भावना और राजनीतिक दबाव में सुनवाई को नहीं सुना जाएगा. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और साध्वी निरंजन ज्योति ने मंदिर समझौते के लिए श्रीश्री रविशंकर के प्रयासों की तारीफ कर चुके हैं. उनका कहना है कि अगर कोई शांति से मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहा है, तो उसकी तारीफ होनी चाहिए. लखनऊ में नदवी से मिलेंगे श्री श्री श्रीश्री रविशंकर बलरामपुर के बाद श्रावस्ती के लिए रवाना हो गए हैं. शाम को वह लखनऊ मे रहेंगे. जहां उनकी मुलाकात मौलाना सलमान नदवी से होगी, जिनसे भविष्य की योजना पर चर्चा की जाएगी. सलमान नदवी एक ह्यूमन वेलफेयर बोर्ड का गठन करने वाले हैं और इस संबंध में भी चर्चा होने की संभावना है. यह वही मौलाना नदवी हैं जिन्होंने कोर्ट से बाहर सुलह समझौते का समर्थन किया था, जिनके सुझाव को मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड ने खारिज करते हुए बोर्ड से बाहर ही कर दिया. अदालत के बाहर विवाद को सुलझाने के लिए सलमान नदवी एक अलग बोर्ड बनाने की तैयारी में हैं. श्रीश्री रविशंकर की पहल पर बन रहे इस बोर्ड का नाम 'मानव कल्याण बोर्ड' होगा. 

उन्होंने उम्मीद जताई कि इस मामले में कोर्ट के बाहर ही सौहार्दपूर्ण हल निकल जाएगा. आपसी रजामंदी के साथ समझौते का विरोध करने वालों के बारे में बोलते हुए श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि अज्ञानता का प्रदर्शन करने का सभी को अधिकार है और वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकते. समझौते की कोशिशों में जुटे श्री श्री 'आर्ट ऑफ लिविंग' (एओएल) के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद पर लगातार कोशिश कर रहे हैं कि विवाद को कोर्ट के बजाए आपसी रजामंदी के साथ सुलझा लिया जाए. इस सिलसिले में उन्होंने इसी महीने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्यों सहित मुस्लिम नेताओं के साथ एक बैठक की थी. 8 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद की सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने सभी पक्षों को दो हफ्ते के अंदर मामले से जुड़े कागजात लाने को कहा था. 

मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने साफतौर पर निर्देश दिया कि वह इस मामले की सुनवाई एक जमीनी विवाद के तौर पर ही करेंगे, किसी भी धार्मिक भावना और राजनीतिक दबाव में सुनवाई को नहीं सुना जाएगा. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और साध्वी निरंजन ज्योति ने मंदिर समझौते के लिए श्रीश्री रविशंकर के प्रयासों की तारीफ कर चुके हैं. उनका कहना है कि अगर कोई शांति से मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहा है, तो उसकी तारीफ होनी चाहिए. लखनऊ में नदवी से मिलेंगे श्री श्री श्रीश्री रविशंकर बलरामपुर के बाद श्रावस्ती के लिए रवाना हो गए हैं. शाम को वह लखनऊ मे रहेंगे. जहां उनकी मुलाकात मौलाना सलमान नदवी से होगी, जिनसे भविष्य की योजना पर चर्चा की जाएगी. सलमान नदवी एक ह्यूमन वेलफेयर बोर्ड का गठन करने वाले हैं और इस संबंध में भी चर्चा होने की संभावना है. यह वही मौलाना नदवी हैं जिन्होंने कोर्ट से बाहर सुलह समझौते का समर्थन किया था, जिनके सुझाव को मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड ने खारिज करते हुए बोर्ड से बाहर ही कर दिया. अदालत के बाहर विवाद को सुलझाने के लिए सलमान नदवी एक अलग बोर्ड बनाने की तैयारी में हैं. श्रीश्री रविशंकर की पहल पर बन रहे इस बोर्ड का नाम 'मानव कल्याण बोर्ड' होगा.

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